Welcome on Power of Science
SCIENCE vs GOD
आज जानेंगे की साइंस सत्य है या ईश्वर सत्य है?
सूचना :- ये किसी की भी धार्मिक स्थिति को चोट पहुँचाने के लिए नहीं है सिर्फ आपको सत्य से परिचय कराने और जानने के लिए एक टिप्पणी है, यह एक मानसिक विषय है।
हम सभी साइंस पर विस्वास करते हैं और उनसे प्राप्त वस्तुओं का प्रयोग करते हैं, किन्तु जिन कारणों का प्रमाण या ख़ोज अभी तक साइंस नही कर सका है और सायद कभी न कर सके जैसे ब्रम्हाण्ड के बहार क्या है या फिर ये कितना बड़ा है और इतना विशाल क्यों है, बरमूडा ट्रायंगल इत्यादि का रहस्य साइंस सायद ही पता लगा पाये, जिसे लोग परमात्मा यानि ईश्वर की शक्ति कह देते हैं, यह दुनिया इतनी बड़ी है की कोई न कोई घटना, विज्ञान के परे हो ही जाती है , जबकि कोई प्रमाण नही है ईश्वर की उपलब्धि का ।
एक उदहारण से समझते हैं :- आज तक इंसान को सिर्फ अपनी पृथ्वी पर ही जीवन मिल पाया है ब्रम्हाण्ड इतना विशाल है अनगिनत ग्रह हैं इनकी क्या आवश्यकता है , साइंस कहता है की इंसान पहले बन्दर था पर और एक तरफ लोग कहते हैं पहले श्रद्धा मनु आये थे इतने आधुनिक नाम !?.....
खुद ही सोचिये प्रमाण दीजिये खुद को , की ईश्वर है तो खुद ही कंफ्यूज हो जायेंगे , ईश्वर एक सोच है , ईश्वर एक विस्वास है खुद का आत्मविस्वास बढ़ाने का,
जिनका लोग मार्केटिंग में प्रयोग बड़ी ही तेजी से कर रहे हैं, लोग गलती करके माफ़ी भी मांग लेते हैं ।
एक उद्धाहरण :- किसी लड़की के साथ कोई दुराचार करता है तो उसकी सज़ा के लिए पुलिस है किन्तु फिर भी लोग ईस्वर से उसकी सज़ा मांगते हैं जबकि खुद कहते हैं की ईस्वर की मर्ज़ी के बिना कुछ नही होता तो इसका मतलब ये है की दुराचर भी ईस्वर की मर्ज़ी से हुआ है तो सज़ा किस बात की।
सच कहु इंसान को खुद ही नही पता की ईस्वर है या नही कोई विस्वास नही उसे ईस्वर पर बस एक पुरानी प्रथा है की ईस्वर है बस । किसी ने ईस्वर को नही देखा न ही कोई प्रमाण है ये सारी बातें पूर्ण प्रेक्टिकल हैं कोई थ्योरी नहीं।
अगर ईस्वर को जीवन बनाना ही था तो अरबों वर्ष क्यों लगा दिए पृथ्वी के निर्माण में , और न ही हमे इतनी समझ देता की हम उनके न होने का प्रमाण दे पाते।
अगर ईस्वर को जीवन बनाना ही था तो अरबों वर्ष क्यों लगा दिए पृथ्वी के निर्माण में , और न ही हमे इतनी समझ देता की हम उनके न होने का प्रमाण दे पाते।
Disclaimer :-
विज्ञानं ने ही इस मानव जगत का विकास किया है और ईश्वर एक सोच मात्र है जो बहुत हद तक मानसिक सोच को शांत करता है किन्तु यथार्त नहीं !इस कंटेंट के बारे में अगर आप कुछ कहना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं !
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