PLASTIC TESTING AND QUALITY CONTROL

QUALITY CONTROL 

इंजीनियरिंग और उत्पादन क्षेत्र में, गुणवत्ता नियंत्रण और गुणवत्ता इंजीनियरिंग का प्रयोग उत्पाद या सेवाएं ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए  डिज़ाइन तथा उत्पादित की गई हैं या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए सिस्टम को विकसित करने के लिए किया जाता है।

गुणवत्ता नियंत्रण इंजीनियरिंग और निर्माण की शाखा है जो ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने या उससे ज्यादा करने के लिए, उत्पाद या सेवाओं के उत्पादन और डिजाईन में विश्वसनीयता और विफलता परीक्षण लेने का कार्य करता है।

गुणवत्ता आश्वासन

गुणवत्ता आश्वासन प्रबंधन के लिए व्यापक रूप से प्रयोग होने वाला एक प्रतिमान है PDCA (योजन-करो-जांच-कार्य) (प्लान-डू-चेक-एक्ट) दृष्टिकोण, जिसे शेवार्ट चक्र के रूप में भी जाना जाता हैं।

असफलता परीक्षण

असफलता परीक्षण (जो प्रतिबल परीक्षण के रूप में भी जाना जाता है), संपूर्ण उपभोक्ता उत्पाद पर प्रदर्शन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। उत्पाद का यह परिचालन (ऑपरेशन) तब तक चलता है जब तक कि यह विफल नही हो जाता, यहां तक कि भारी दबावों जैसे कि कंपनतापमान और आर्द्रता के बढ़ने पर भी जारी रहता है। यह उत्पाद की कई अप्रत्याशित कमजोरियों को उजागर कर देता है और डेटा को इंजीनियरिंग और निर्माण प्रक्रिया सुधारों को चलाने में प्रयोग किया जाता है।

कंपनी गुणवत्ता

1980 के दशक के दौरान, "कंपनी गुणवत्ता" लोगों और प्रबंधन पर ध्यान केन्द्रित करने के अवधारणा के साथ सामने आई थी। यह माना गया था कि अगर सभी विभाग एक खुले दिमाग के साथ गुणवत्ता को सामने लाये, तो सफलता संभव थी अगर प्रबंधन गुणवत्ता सुधार प्रक्रिया का नेतृत्व करेगी.

कंपनी का व्यापक गुणवत्ता दृष्टिकोण तीन पहलुओं पर ज्यादा जोर देता है : --
  1. नियंत्रण, नौकरी प्रबंधन, निरूपित और अच्छी तरह प्रबंधित प्रक्रियाएं, कार्यप्रदर्शन और अखंडता मानदंड तथा अभिलेखों की पहचान. जैसे तत्व
  2. समर्थता जैसे ज्ञान, कुशलता, अनुभव, योग्यताएं
  3. सॉफ्ट घटक जैसे की कर्मियों की निष्ठाविश्वाससंगठनात्मक संस्कृतिप्रेरणाटीम भावना और अच्छे संबंध

पूर्ण गुणवत्ता नियंत्रण

पूर्ण गुणवत्ता नियंत्रण सभी नियंत्रणों में सबसे ज्यादा आवश्यक निरीक्षण नियंत्रण है, उन मामलों में जहां सांख्यिकीय गुणवत्ता नियंत्रण तकनीक या गुणवत्ता सुधार कार्यान्वित होने के बावजूद, बिक्री घट जाती है।

यदि मूल विनिर्देश सही गुणवत्ता जरूरतों को प्रतिबिंबित नहीं करता है, तो गुणवत्ता नियंत्रण का उत्पादन निरीक्षण या विनिर्माण नहीं किया जा सकता है।

उदाहरणस्वरुप दबाव पोत के लिए सभी पैरामीटर में सिर्फ सामग्री और आयाम ही नहीं बल्कि संचालन, पर्यावरण, बचावस्थायीता और रख-रखाव की जरूरतें भी शामिल रहनी चाहिए.

TESTING

1. OVER VIEW OF VERIOUS TESTING METHODS AND ORGANISATION SACH AS            ASTM, BIS, DIN AND ISO.

 ASTM :- American society for testing and material.
Started - 1898
Founder - charles benjamin dubley
Place - west conshohocken, pennsylvania, USA
President - James thomes


ASTM इंटरनेशनल एक अंतर्राष्ट्रीय मानकों वाला संगठन है जो सामग्रियों, उत्पादों, प्रणालियों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए स्वैच्छिक सहमति तकनीकी मानकों को विकसित और प्रकाशित करता है।
संगठन में सदस्यता किसी भी व्यक्ति की गतिविधियों में रुचि रखने वाले के लिए खुली है।  मानक को समितियों के भीतर विकसित किया जाता है, और इच्छुक सदस्यों के अनुरोध पर, नई समितियां आवश्यक रूप से बनाई जाती हैं। अधिकांश समितियों में सदस्यता स्वैच्छिक है और सदस्य के स्वयं के अनुरोध द्वारा शुरूआत की जाती है, न कि नियुक्ति के द्वारा या आमंत्रण द्वारा नहीं। सदस्यों को उपयोगकर्ताओं, उत्पादकों, उपभोक्ताओं, और "सामान्य हित" के रूप में वर्गीकृत किया जाता है!

BIS :- Bureau of Indian standards
Started - 23 dec 1986
Directer - Alaka pande
Office - New delhi
President - Pam vilash paswan


भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) भारत की राष्ट्रीय मानक संस्था है जो उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में काम करता है।
17 जून 2015 को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में एक भारतीय मानक ब्यूरो (2015 का) ब्यूरो पेश करने की मंजूरी दे दी। विधेयक 3 दिसंबर, 2015 को लोकसभा द्वारा और 8 मार्च 2016 को राज्य सभा द्वारा पारित किया गया था। [9] नया विधेयक मौजूदा भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 1986 को निरस्त करेगा।


DIN :- Director Identification Number एक कंपनी के सभी मौजूदा और नए निदेशकों (या प्रस्तावित निदेशक) के लिए निदेशक पहचान संख्या (डीआईएन) एक अनिवार्य आवश्यकता है। कंपनी अधिनियम के संशोधन में दिए गए निर्देशों के मुताबिक डीआईएन जारी किया गया है। यह सभी निर्देशकों को आवंटित एक 8-अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है। इसकी आजीवन वैधता है , निदेशक पहचान संख्या निर्देशक को एक अद्वितीय पहचान प्रदान करता है जो डेटाबेस के सभी निदेशकों की जानकारी को बनाए रखने में मदद करता है। पिछले दशकों में, कई भारतीय शहरों में चिट फंड कंपनियां अपने निवासियों को अतुलनीय रिटर्न देने का वादा करती हैं, फिर अपने पैसे से दूसरे शहर में भाग लेती हैं।

ISO :-  International Standard Organization  मानकीकरण के अंतर्राष्ट्रीय संगठन (आईएसओ) एक अंतरराष्ट्रीय मानक-सेटिंग संस्था है जो विभिन्न राष्ट्रीय मानकों के संगठनों के प्रतिनिधियों से बना है।

23 फरवरी 1947 को स्थापित, संगठन विश्वव्यापी स्वामित्व, औद्योगिक और व्यावसायिक मानकों को बढ़ावा देता है। यह जिनेवा, स्विट्जरलैंड में मुख्यालय है, और मार्च 2017 के अनुसार 162 देशों में काम करता है। 

आईएसओ, मानकीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन, एक स्वतंत्र, गैर-सरकारी संगठन है, जिनमें से सदस्य 163 सदस्य देशों के मानक संगठन हैं। यह स्वैच्छिक अंतर्राष्ट्रीय मानकों का विश्व का सबसे बड़ा डेवलपर है और राष्ट्रों के बीच सामान्य मानकों को प्रदान करके विश्व व्यापार की सुविधा प्रदान करता है। विनिर्मित उत्पादों और प्रौद्योगिकी से लेकर खाद्य सुरक्षा, कृषि और स्वास्थ्य सेवा से सब कुछ कवर करने के लिए बीस हजार से अधिक मानकों को निर्धारित किया गया है।




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INDIAN NATIONAL THINGS

भारत की राष्ट्रीय वस्तुयें 

प्रत्येक देश में मान्यता अनुसार हर वस्तु के कई भाग अथवा प्रजातियां होती  है इसी प्रकार अपने भारत में भी सभी वस्तु एवं जीव  म कोई न कोई राष्ट्रीय है राष्ट्रीय से मतलब है की उस वस्तु को उसके समुदाय में प्रमुख माना गया है !

आइये जानते है की भारत की राष्ट्रीय वस्तु या जीव कौन कौन से है :-


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✰ भारत की राष्ट्रीय मिठाई - जलेबी
✰ भारत का राष्ट्रीय ध्वज गीत - हिंद देश का प्यारा झंडा
✰ भारत का राष्ट्रीय ध्वज - तिरंगा
✰ भारत का राष्ट्रीय वाक्य - सत्यमेव जयते
✰ भारत का राष्ट्रीय गीत - वन्दे मातरम्
✰ भारत का राष्ट्रीय चिन्ह - अशोक स्तम्भ
✰ भारत की राष्ट्रीय मुद्रा - रूपया
✰ भारत का राष्ट्रीय फूल - कमल
✰ भारत की राष्ट्रीयता - भारतीयता
✰ भारत की राष्ट्र भाषा - हिंदी
✰ भारत की राष्ट्रीय लिपि - देव नागरी
✰ भारत का राष्ट्रीय नारा - श्रमेव जयते
✰ भारत की राष्ट्रीय विदेशनीति -गुट निरपेक्ष
✰ भारत का राष्ट्रीय पुरस्कार - भारत रत्न
✰ भारत का राष्ट्रीय गान - जन-गन-मन
✰ भारत का राष्ट्रीय सूचना पत्र - श्वेत पत्र
✰ भारत का राष्ट्रीय वृक्ष - बरगद
✰ भारत की राष्ट्रीय नदी - गंगा
✰ भारत का राष्ट्रीय पक्षी - मोर
✰ भारत का राष्ट्रीय पशु - बाघ
✰ भारत का राष्ट्रीय फल - आम
✰ भारत का राष्ट्रीय खेल - हॉकी
✰ भारत के राष्ट्रीय पर्व - 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) और 15
अगस्त (स्वतंत्रता दिवस)
✰ भारत की राष्ट्रीय योजना - पञ्च वर्षीय योजना
✰ भारत का राष्ट्रीय पंचांग- विक्रम संवत


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INDIA LAW

क़ानूनी धाराऐं 

किसी अपराध में मुजरिम को अदालत के द्वारा  उसके जुर्म के अनुसार उसे सज़ा सुनाई जाती है और सारी सज़ाये एक कैटेगरी के अनुसार विभाजित होती है जिसका जैसा अपराध होता है उसे उस अनुसार सजा सुनाई जाती है जिसे  धारा  कहते हैं आइये जानते है कुछ जरुरी धाराओं के बारे में !


जानिए भारतीय पीनल कोड में धाराओ का मतलब .....
धारा 307 = हत्या की कोशिश
धारा 302 =हत्या का दंड
धारा 376 = बलात्कार                                                                                        
धारा 395 = डकैती
धारा 377= अप्राकृतिक कृत्य
धारा 396= डकैती के दौरान हत्या
धारा 120= षडयंत्र रचना
धारा 365= अपहरण
धारा 201= सबूत मिटाना
धारा 34= सामान आशय
धारा 412= छीनाझपटी
धारा 378= चोरी
धारा 141=विधिविरुद्ध जमाव
धारा 191= मिथ्यासाक्ष्य देना
धारा 300= हत्या करना
धारा 309= आत्महत्या की कोशिश
धारा 310= ठगी करना
धारा 312= गर्भपात करना
धारा 351= हमला करना
धारा 354= स्त्री लज्जाभंग
धारा 362= अपहरण
धारा 415= छल करना
धारा 445= गृहभेदंन
धारा 494= पति/पत्नी के जीवनकाल में पुनःविवाह
धारा 499= मानहानि
धारा 511= आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के प्रयत्न के लिए दंड।

यह जानकारी ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि सभी क़ानूनी धाराओं को जान सकें !

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AREA MEASUREMENT UNITS

AREA MEASUREMENT UNITS

क्षेत्रफल मापने के लिए मापन राशियाँ :-

ऐसे बहुत से मापन रशिया हैं जो हमे कही नहीं  पढाई जाती जिनका उपयोग दुर्लभ है !

1. एक गज = 3 फूट
2. एक फलॉग = 220 गज
3. एक मील में 1760 गज, 8 फलॉग यानि 220*8 = 1760
4. एक कर्म = 66 इंच
5. एक मर्ला = 272 वर्ग फूट
6. कर्म का दूसरा नाम = सरसाही
7. एक मर्ला में = 9 कर्म
8. एक कनाल में मर्ले = 20
9. एक एकड़ मे मर्ले =160
10. एकड़ का दूसरा नाम = कीला
11. एक एकड़ में कनाल = 8
12. एक एकड़ में कर्म = 36*40 = 1440 कर्म
13. एक कनाल में विसवासी = 240
14. एक मर्ले मे बिसवासी = 12
15. एक बिसवे मे बिसवासी = 20
16. एक बीघे मे बिसवे = 20
17. एक एकड़ मे बिसवे = 96
18. एक एकड़ मे बीघे = 4.8
19. एक कनाल में वर्ग मीटर = 505*8385
20. एक एकड मे वर्ग मीटर = 4046*7091
21. एक बिलियन = एक अरब रुपये
22. एक फूट में = 30.48 सैंटीमीटर
23. एक गज मे मीटर = 0.9144
24. एक मीटर में इंच = 39.3708
25. एक मील में किलोमीटर = 1.609
26. एक किलोमीटर मे = 0.32137227 मील
27. एक वर्ग किलोमीटर मे = 0391 वर्गमील
28. एक वर्ग मील में = 2.59 वर्ग किलोमीटर
29. एक सैंटीमीटर = 0.3937 इंच
30. एक मिलियन = 10लाख रुपय
31. एक मीटरिक टन = 10 किवंटल
32. पक्का या शाहजहानी बीघा एक एकड़ काहिस्सा = 5/8
33. कच्चा बीघा एक एकड़ का हिस्सा = 5/24भाग
34. एक मीटर में इंच = 39.3701
35. 99 इंच के कर्मों से जो बीघा बनताहै उसे = पक्का या शाहजहानी बीघा कहते है।
36. अगर एक कर्म 66 इंच का है तो एक बिसवे मे = 15 बिसवासी होगें।
37. 20 बिसवासों का एक विसवा बनें इसके लिये एक कर्म = 57/157 इंच का होगा।
38. बकदर का अर्थ = एक विस्वे के वर्गफुट है।
39. अनुपात हमेशा एक निरोल = राशि होती है।
40. कर्म का दूसरा नाम = गट्ठा
41. जरीब बनी होती है = लोहे की नर्म कड़ियों से
42. जरीब आमतौर पर कर्मों की होती है= 10
43. 66 इंच कर्म वाली जरीब मे = 8 कड़ियां होती है, तथा इससे कम वाली इंच की जरीब में =7 कड़ियां होती है


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Sochne wali bat hai

Welcome on Power of Science


SCIENCE vs GOD

आज जानेंगे की साइंस सत्य है या ईश्वर सत्य है?



सूचना :- ये किसी की भी धार्मिक स्थिति को चोट पहुँचाने के लिए नहीं है सिर्फ आपको सत्य से परिचय कराने और जानने के लिए एक टिप्पणी है, यह एक मानसिक विषय है।


हम सभी साइंस पर विस्वास करते हैं और उनसे प्राप्त वस्तुओं का प्रयोग करते हैं, किन्तु जिन कारणों का प्रमाण या ख़ोज अभी तक साइंस नही कर सका है और सायद कभी न कर सके जैसे ब्रम्हाण्ड के बहार क्या है या फिर ये कितना बड़ा है और इतना विशाल क्यों है, बरमूडा ट्रायंगल इत्यादि का रहस्य साइंस सायद ही पता लगा पाये, जिसे लोग परमात्मा यानि ईश्वर की शक्ति कह देते हैं, यह दुनिया इतनी बड़ी है की कोई न कोई घटना, विज्ञान के परे हो ही जाती है , जबकि कोई प्रमाण नही है ईश्वर की उपलब्धि का ।

एक उदहारण से समझते हैं :-  आज तक इंसान को सिर्फ अपनी पृथ्वी पर ही जीवन मिल पाया है ब्रम्हाण्ड इतना विशाल है अनगिनत ग्रह हैं इनकी क्या आवश्यकता है , साइंस कहता है की इंसान पहले बन्दर था पर और एक तरफ लोग कहते हैं पहले  श्रद्धा मनु आये थे इतने आधुनिक नाम !?.....

खुद ही सोचिये प्रमाण दीजिये खुद को , की ईश्वर है तो खुद ही कंफ्यूज हो जायेंगे , ईश्वर एक सोच है , ईश्वर एक विस्वास है खुद का आत्मविस्वास बढ़ाने का,
जिनका लोग मार्केटिंग में प्रयोग बड़ी ही तेजी से कर रहे हैं, लोग गलती करके माफ़ी भी मांग लेते हैं ।
एक उद्धाहरण :- किसी लड़की के साथ कोई दुराचार करता है तो उसकी सज़ा के लिए  पुलिस है किन्तु फिर भी लोग ईस्वर से उसकी सज़ा मांगते हैं जबकि खुद कहते हैं की ईस्वर की मर्ज़ी के बिना कुछ नही होता तो इसका मतलब ये है की दुराचर भी ईस्वर की मर्ज़ी से हुआ है तो सज़ा किस बात की।

सच कहु इंसान को खुद ही नही पता की ईस्वर है या नही कोई विस्वास नही उसे ईस्वर पर बस एक पुरानी प्रथा है की ईस्वर है बस । किसी ने ईस्वर को नही देखा न ही कोई प्रमाण है ये सारी बातें पूर्ण प्रेक्टिकल हैं कोई थ्योरी नहीं।
अगर ईस्वर को जीवन बनाना ही था तो अरबों वर्ष क्यों लगा दिए पृथ्वी के निर्माण में , और न ही हमे इतनी समझ देता की हम उनके न होने का प्रमाण दे पाते।

Disclaimer :- 

विज्ञानं ने ही इस मानव जगत का विकास किया है और ईश्वर एक सोच मात्र है जो बहुत हद तक मानसिक सोच को शांत करता है किन्तु यथार्त नहीं !
 इस कंटेंट के बारे में अगर आप कुछ कहना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं !

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